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वर्धा

गांधी ज्ञान मंदिर

गांधी ज्ञान मंदिर

महात्मा गांधी के मूल्यों और दर्शनशास्त्र को वर्धा में 1949 में स्थापित गांधी ज्ञान मंदिर के माध्यम से लोगों के साथ साझा किया जा रहा है। इसकी कल्पना श्री जमनालाल बजाज ने की थी। 1950 में गांधी ज्ञान मंदिर का निर्माण हुआ। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसका शिलान्यास किया और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 5 जनवरी 1954 को इसका उद्घाटन किया।

गांधी ज्ञान मंदिर में एक सार्वजनिक पुस्तकालय है जिसमें विभिन्न भाषाओं में गांधीवादी साहित्य का बड़ा संग्रह है। यह विद्वानों के लिए ज्ञान का एक समृद्ध भंडार है जो इस विषय पर अनुसंधान कर रहे हैं। इस संस्थान में बजाज विज्ञान केंद्र भी स्थित है जो 2008 में स्थापित किया गया था। इस केंद्र का यह उद्देश्य है कि युवाओं में विज्ञान और नवाचार की रुचि विकसित हो; और इसके माध्यम से, भविष्य में चल कर वे  विज्ञान के क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर सकें!