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जमनालाल बजाज विश्वनीड़म
14 अक्टूबर 1957 को, अपनी भूदान यात्रा के दौरान, आचार्य विनोबा भावे ने बैंगलोर में छह दिन बिताए और वे वहॉं के लोगों और सुंदर मौसम से प्रेरित हुए। उन्होंने 'सर्वोदय नगर' बनाने की इच्छा व्यक्त की थी, जो 'दूसरों की सेवा में समर्पित होने' के सिद्धांत को बढ़ावा देने के लिए था। इस इच्छा के पीछे मुख्य विचार यह था कि विभिन्न जीवन शैलियों के लोग एक साथ आएँ और अपने ज्ञान एवं अनुभवों के आदान प्रदान से स्थानीय समुदाय एवं संपूर्ण देश को फ़ायदा पहुँचाए।
इस सपने को साकार करने के लिए, श्री कमलनयन बजाज ने 'विश्वनीड़म' कैंपस बनाने का निर्णय लिया। संस्कृत में, 'विश्व' का अर्थ है दुनिया और 'नीड़म' का अर्थ है घर या आवास। इसका यह भी अर्थ है कि विश्वनीड़म दुनिया में सभी के लिए एक घर है।
ध्येय:
मानवों को उन्नत कौशल प्रदान करके उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता प्रदान करना।
उद्देश्य (मिशन):
हमारे छात्रों को एक सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करना, जिसमें अच्छी तरह से नियोजित और संबंधित पाठ्यक्रम और अच्छे प्रशिक्षित शिक्षक हों, जो उनकी क्षमता को बढ़ावा दें और उन्हें अपने उद्देश्यों को हासिल करने में सहायता करें जिसके फलस्वरूप वे या तो लाभकारी रोजगार पाने या अपना व्यवसाय शुरू करने मे सक्षम हों।
पृष्ठभूमि और प्रयोजन:
भारत में कई अभाव ग्रस्त महिलाएं अपनी शिक्षा पूरी करने में संघर्ष करती हैं, या उनकी योग्यताओं का उनकी आकांक्षाओं से मेल नहीं हो पाता है। इन महिलाओं की पत्नी, मां एवं गृहिणी होने के अतिरिक्त भी जिम्मेदारियां होती हैं। ये सभी कारण उनकी आजीविका कमाने या घर पर आधारित व्यवसाय स्थापित करने की क्षमता को सीमित करते हैं।
JBV का कौशल-आधारित प्रशिक्षण उनकी आर्थिक स्थिति को ऊंचाईयों तक पहुंचाने और उनके आत्मविश्वास और स्वायत्तता को मजबूत करने का उद्देश्य रखता है।
JBV वर्तमान में वंचित महिलाओं को नि:शुल्क कौशल आधारित प्रशिक्षण प्रदान करता है ताकि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन सकें। श्री जमनलाल बजाज के शब्दों से प्रेरित, 'समाज में, पुरुष और महिलाओं का समान स्थान होता है और दोनों की समान आवश्यकताएं होती हैं', JBV यह मानता है कि एक राष्ट्र तब तक असली प्रगति नहीं कर सकता जब तक उसकी महिलाओं को पुरुषों के समान शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक अवसर नहीं मिलते।
जेबीवी के प्रयासों को मुख्य रूप से 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
१) कौशल आधारित प्रशिक्षण - JBV कैंपस पर बुनाई, कढ़ाई, फैशन डिजाइनिंग, और कंप्यूटर कौशल में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। ये पाठ्यक्रम अल्प अवधि के और गहन हैं और इन्हें अनुभवी शिक्षकों द्वारा सिखाया जाता है। पाठ्यक्रम नि:शुल्क होते हैं और छात्रों को सभी आवश्यक सामग्री प्रदान की जाती है।
२) बालवाड़ी - JBV एक बालवाड़ी (एक अनौपचारिक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा केंद्र) भी चलाता है जो माताओं के बच्चों का समर्थन करता है। पाठ्यक्रम के समय में, मां अपने शिशुओं को बालवाड़ी में प्रशिक्षित देखरेख में छोड़ सकती हैं। अपनी माताओं की तरह, बच्चे भी एक सुखद और सुरक्षित स्थान पर शिक्षा प्राप्त करते हैं।
३) गौशाला - श्री जमनलाल बजाज और महात्मा गांधी के विचारों के साथ JBV गौ सेवा (गायों की देखभाल) को बहुत महत्व देता है। जेबीवी कैंपस में एक बड़ा पशु आश्रय स्थल है जो कई गायों की चिकित्सा और पोषण संबंधित आवश्यकताओं का ध्यान रखता है।
'गौ-सेवा का काम आस्थाहीन लोगों द्वारा गाय की हत्या की वजह से नहीं बल्कि हमारी ही उदासीनता और गाय के प्रति हमारी उपेक्षा के कारण रुका हुआ है' - जमनलाल बजाज
JBV काफी सारी गायों और उनके बछड़ों की देखभाल करता है जो उनकी पोषण संबंधी और चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करता है। उनका चारा कैंपस में जैविक पद्धति से उगाया जाता है और एक पशु चिकित्सक हर हफ्ते उनकी जाँच करता है। यहॉं उत्पादित दूध बालवाड़ी के बच्चों को दिया जाता है।
उपलब्ध पाठ्यक्रम:
- कंप्यूटर - बेसिक | इंटरमीडिएट
- डेस्कटॉप पब्लिशिंग - DTP
- टैली - एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर
- सिलाई - बेसिक | इंटरमीडिएट | एडवांस,
- साड़ी की लटकन, कढ़ाई - हैंड मेड | मशीन
- कृत्रिम ज्वेलरी, टेराकोटा ज्वेलरी
- झूला तार डिज़ाइन
- कला और क्राफ्ट, योग, मेहंदी
- पेंटिंग, इत्यादि
गरीब परिवारों की महिलाओं को उनके और उनके परिवार के लिए आजीविका कमाने के लिए जरूरी कौशल प्रदान करना।
छात्रों को रोजगार प्राप्त करने या व्यवसाय शुरू करने में मदद करना।
बाजार के संबंध में सार्थक पाठ्यक्रम प्रदान करना और सिलाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प और मेहंदी जैसे उच्च मांग वाले कौशल सिखाना।
यदि योग्य हो, तो पारंपरिक व्यापारों को भी प्रोत्साहित करना - जैसे मिट्टी के बर्तन बनाने की कला, प्लंबिंग, कारपेंट्री, वेल्डिंग, चिनाई कला, बुनाई, स्थानीय हस्तशिल्प और सिलाई।
महिलाओं को सक्रिय बनाना:
JBV स्थानीय समुदायों की महिलाओं को विभिन्न स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी, समुदाय केंद्रों और स्व-सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से पहुंचकर उन्हें JBV के बारे में बताता है और पाठ्यक्रमों के बारे में सूचनात्मक पम्फलेट वितरित करता है।
सामाजिक-आर्थिक स्थिति:
अधिकांश छात्र कम-आय वाले परिवारों से हैं जिनके यहाँ कोई इकलौता कमाने वाला होता है, जो मासिक औसत में 18,000 रुपये या कम कमाते हैं। यह राशि बुनियादी घरेलू खर्चों को संभालने के लिए पर्याप्त हो सकती है, लेकिन एक अतिरिक्त आय के स्रोत से उनकी जीवनशैली को और भी ऊंचाइयों तक उठाया जा सकता है।
और अधिक अन्य पहल